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Last Date : Not Declared
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योजना का परिचय |
भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य कारीगरों की कौशल क्षमता को मान्यता देना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है। इस योजना के तहत शिल्पकारों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, और उपकरण प्रदान किए जाते हैं, ताकि वे अपनी उत्पादकता को बढ़ा सकें और आधुनिक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।
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योग्यता |
आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
यह योजना उन कारीगरों, शिल्पकारों और कामकाजी व्यक्तियों के लिए है जो पारंपरिक शिल्प जैसे बढ़ईगीरी, मिट्टी के बर्तन, लोहारगीरी, बुनाई, हस्तशिल्प आदि में लगे हुए हैं।
नागरिकता: आवेदक को भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए।
आवेदक को उनके संबंधित शिल्प में अनुभव होना चाहिए और कम से कम कुछ वर्षों से उस शिल्प को करना चाहिए (यह अनुभव अवधि राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है)।
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Documents |
Photo
Aadhar Card
Ration Card
Domicile
Caste Certificate
Bank Passbook
Mobile Number & Email ID
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लाभ |
इस योजना के तहत कारीगरों को उनके उपकरण, मशीनें और कच्चा माल खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इस योजना में कारीगरों को उनके कौशल को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अपने शिल्प में आधुनिक तकनीकों को शामिल कर सकें।
कारीगरों को कम ब्याज दरों पर छोटे ऋण दिए जाएंगे ताकि वे अपने व्यवसाय को सुधार सकें या नया व्यवसाय शुरू कर सकें।
यह योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की क्षमताओं को सम्मान देती है और उन्हें समाज में प्रतिष्ठा दिलाने का कार्य करती है।
कारीगरों को बेहतर कौशल और उपकरण प्रदान करने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
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